Wednesday, November 11, 2009

एक नज़र

हिमालय की गोद में बसा नेपाल अपनी प्राचीन संस्कृति के लिए जाना जाता है.
पर नेपाल दुनिया के सबसे ग़रीब देशों में से एक है. वहाँ लंबे अंतराल के बाद महाराज बीरेंद्र के शासनकाल में 1990 में बहुदलीय लोकतांत्रिक प्रणाली की शुरूआत हुई.
नेपाल का इतिहास बताता है कि वहाँ शुरू से ही राजवंशों की परंपरा रही है और आम तौर पर यह देश बाक़ी दुनिया से कटा रहा है.
महत्वपूर्ण तथ्य:
आबादी: 2 करोड़ 40 लाख
राजधानी: काठमांडू
मुख्य भाषा: नेपाली
धर्म: हिंदू, बौद्ध
शासनतंत्र: संसदीय लोकतंत्र और सांविधानिक राजशाही
मुद्रा: नेपाली रुपया
मुख्य निर्यात: कालीन, कपड़े, चमड़े के सामान, जूट, अनाज
इंटरनेट डोमेन: .np
समय: जीएमटी से 5.75 घंटे आगे
अंतरराष्ट्रीय कोड: +977
1959 में बहुदलीय लोकतंत्र का प्रयास नाकाम हो गया जब महाराज महेंद्र ने संसद को भंग कर के सारे अधिकार अपने पास रख लिए.
1990 में भारी जन-विरोध के बाद बहुदलीय लोकतंत्र की दोबारा शुरूआत हुई लेकिन तब से लेकर आज तक सारे राजनीतिक दल खेमों में बंटे रहे हैं और देश में भारी राजनीतिक अस्थिरता रही है.
नेपाल की एक और बड़ी समस्या है वहाँ चल रहा हिंसक माओवादी आंदोलन. अब तक लगभग 2500 लोग इस हिंसा का शिकार हो चुके हैं.
दूसरी समस्या है पड़ोसी देश भूटान से शरणार्थियों का बड़ी संख्या में आना.
नेपाल कई तरह के पर्यावरण संकटों से भी जूझ रहा है. वनों की अंधाधुंध कटाई, अतिक्रमण और राजधानी काठमांडू में भीषण वाहनजनित प्रदूषण कुछ बड़ी समस्याएं हैं.
नेपाल की ज़्यादातर आबादी खेती पर निर्भर है और देश की 40 प्रतिशत जनसंख्या ग़रीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करती है.
देश की अर्थव्यवस्था काफ़ी हद तक विदेशी सहायता पर निर्भर करती है. भारत के साथ होने वाला व्यापार और पर्यटन भी नेपाल की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान करते हैं.